ऐश एक औषधीय पौधे है, जिसे आम राख भी कहा जाता है, जो संधि संबंधी समस्याओं में मूत्रवर्धक के रूप में व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है और बुखार को कम करता है।
इसका वैज्ञानिक नाम फ्रैक्सिनस एंजस्टिफोलिया वाहल है और कुछ प्राकृतिक उत्पादों के स्टोर या हेरफेर फार्मेसियों में खरीदा जा सकता है।
राख के लिए क्या उपयोग किया जाता है?
ऐश का उपयोग स्वास्थ्य समस्याओं जैसे गठिया, संधिशोथ, सेल्युलाईट, कोलेस्ट्रॉल, मोटापे, बुरी सांस, यूरिया का संचय, अतिरिक्त यूरिक एसिड, कब्ज, गुर्दे की पत्थरों और बुखार के इलाज के लिए किया जाता है।
राख की गुण
एश गुणों में मूत्रवर्धक, रेचक, वंचित, एंटीप्रेट्रिक, विरोधी भड़काऊ, उपचार और एनाल्जेसिक कायाकल्प शामिल हैं।
राख के उपयोग का तरीका
चाय, इन्फ्यूजन और पोल्टिटिस बनाने के लिए राख के उपयोग वाले भाग इसकी छाल और पत्तियां हैं।
- ऐश इन्फ्यूजन: 1 लीटर पानी में कटा हुआ राख पत्तियों के 10 ग्राम उबालें और दिन में 3 बार चाय पीएं।
राख के दुष्प्रभाव
राख के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं हैं।
राख के विरोधाभास
राख के लिए कोई contraindications वर्णित नहीं हैं।
उपयोगी लिंक:
- बुखार के लिए घर का बना समाधान